Everything about shiv chalisa lyrics english

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भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥

भगवान शिव का प्रिय फूल कनेर का पुष्प माना जाता है, मान्यता है की भगवान शिव की पूजा में इस पुष्प के चढाने पर सभी मनोकामनये जल्दी पूर्ण होती है।

जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

शिव आरती

लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – check here भूरि – भानुं ।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

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